जावेद का सवाल- किताब बैन लेकिन रुश्दी पर पाबंदी क्यों ?
जयपुर. यहां चल रहे लिटरेचर फेस्टिवल में सलमान रुश्दी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग अब नहीं होगी। वीसी रद्द किए जाने के पीछे कानून-व्यवस्था का हवाला दिया गया है। पुलिस के मुताबिक आयोजकों ने भरोसा दिया है कि रुश्दी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं होगी। फेस्टिवल के आयोजक संजॉय रॉय ने कहा, ‘यह कहते हुए हमें
बेहद दुख हो रहा है कि रुश्दी का वीडियो चैट रद्द कर दिया गया है। हमें बताया गया है कि कुछ लोग आयोजन स्थल के भीतर घुस गए हैं जो वीडियो चैट के दौरान बाधा पहुंचा सकते हैं।’ ऐसा कहते ही संजॉय की आंखें नम हो गईं। आयोजकों ने कहा कि वीडियो लिंक रद्द करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन हिंसा से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
बेहद दुख हो रहा है कि रुश्दी का वीडियो चैट रद्द कर दिया गया है। हमें बताया गया है कि कुछ लोग आयोजन स्थल के भीतर घुस गए हैं जो वीडियो चैट के दौरान बाधा पहुंचा सकते हैं।’ ऐसा कहते ही संजॉय की आंखें नम हो गईं। आयोजकों ने कहा कि वीडियो लिंक रद्द करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन हिंसा से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है।
विवादास्पद लेखक रुश्दी की वीसी की इजाजत मिलने के बाद इसका विरोध शुरू हो गया, जिसके बाद आयोजकों ने वीडियो लिंक का कार्यक्रम टालने की घोषणा की। कट्टरपंथी संगठनों ने आयोजन में बाधा उत्पन्न करने की भी कोशिश की। रुश्दी के प्रस्तावित सम्बोधन से चंद मिनट पहले मुस्लिम समुदाय के दर्जनों लोगों ने दिग्गी पैलेस के अहाते में नमाज शुरू कर दी थी। उनमें से कुछ ने चेतावनी दी कि यदि एक अपराधी लेखक का भाषण शुरू हुआ तो हंगामा शुरू हो जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने रुश्दी के वीडियो लिंक का कार्यक्रम रद्द करने की मांग की। इसके बाद होटल प्रबंधन ने आयोजकों से साफ कर दिया कि वो किसी तरह की गड़बड़ी नहीं चाहते।
रुश्दी का वीडियो चैट तो रद्द हो गया लेकिन कार्यक्रम में रुश्दी छाए रहे। डिस्कसन में हिस्सा लेते हुए गीतकार जावेद अख्तर ने कहा, ‘किसी किताब पर प्रतिबंध लगाने का मतलब यह नहीं होता कि लेखक पर भी पाबंदी लग गई। आप फिल्म पर पाबंदी तो लगाते हैं लेकिन क्या आप फिल्ममेकर पर भी पाबंदी लगा देते हैं? वहीं शेखर कपूर का कहना है कि रुश्दी पर बैन लगाकर हमने उन्हें तो ‘हीरो’ बना दिया लेकिन खुद को ‘अपरिपक्व’ साबित कर दिया।
जाने माने पत्रकार मार्क टुली ने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए ‘दुखद दिन’ है। सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रही है। रुश्दी को भारत आने देना चाहिए था। जानी मानी लेखिका शोभा डे राजनेताओं ने अपने सियासी फायदे के लिए इस तरह का बखेड़ा खड़ा किया। गौर करने वाली बात यह है कि वीसी रद्द होने के ऐलान के बाद अभी तक रुश्दी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राजस्थान के गृह सचिव ने कहा, ‘वीडियो चैट रद्द करना सरकार का फैसला नहीं है, हमने तो उन्हें इजाजत दी ही थी। हमने आज सुबह ही उन्हें हरी झंडी दे दी थी, वीसी की इजाजत नहीं देना आयोजकों का फैसला है। हमने आयोजन स्थल पर एहतियात के तौर पर 500 पुलिसकर्मी तैनात किए थे।’
भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि कट्टरपंथियों के सामने झुकना किसी भी सरकार के लिए गलत है। उन्होंने रुश्दी के जयपुर फेस्टिवल में आने की वकालत की। राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली ने जयपुर साहित्य सम्मेलन को लेकर राजस्थान सरकार के रुख की तीखी आलोचना की है। जेटली के मुताबिक, 'वीडियो लिंक के जरिए किसी को किसी से बात करने से रोकने का राज्य सरकार को कोई हक नहीं है क्योंकि इस देश में किसी को भी ऐसा करने के लिए सरकार की इजाजत नहीं चाहिए। राजस्थान सरकार हमें सेंसरशिप के युग में ले जाना चाहती है। दूरसंचार केंद्र के दायरे में आता है और राज्य सरकार को इसमें दखल देने का कोई अधिकार नहीं है।'
इससे पहले आयोजकों ने आज बताया कि रुश्दी वीडियो लिंक के जरिये फेस्टिवल में शिरकत करेंगे। यह कॉन्फ्रेंसिंग दोपहर बाद तीन बजकर 45 मिनट पर शुरू होनी थी। आयोजकों ने उस वक्त यह भी साफ किया कि कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान रुश्दी की प्रतिबंधित किताब ‘सेटेनिक वर्सेज’ का जिक्र नहीं होगा लेकिन यह कहा गया कि रुश्दी अपनी किताब 'मिडनाइट चिल्ड्रन्स' पर बोलेंगे।
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